IIM Amritsar, Cultural Fest March 2021

मुहब्बत इक पहेली है, समझने को मैं मरता हूँ!
कोई सिखला गया था कल, किसी से आज करता हूँ!!
कहीं ठुकरा दिया किसी ने, किसी को भा गये कहीं पर,
तजुर्बा है कहीं का और, कहीं रियाज़ करता हूँ!!

आप MBA विद्यार्थियों की हिंदी कविता प्रस्तुति बेहतरीन थी। मैं निर्णायक की भूमिका अदा कर धन्य हो गया🙂