हृदय जब उसकी यादें कर विसर्जित शुद्ध होता है,
उसी पल फिर नए चेहरे से पथ अवरुद्ध होता है !
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हृदय जब उसकी यादें कर विसर्जित शुद्ध होता है,
उसी पल फिर नए चेहरे से पथ अवरुद्ध होता है !
तेरी मूरत खजुराहो सी गढ़ जाऊं, तमन्ना है !
छुअन की ओर मैं दर्शन से बढ़ जाऊं, तमन्ना है !
यूँ न चेहरे पे रौनक बिछाये हुये हैं,
हम फ़रिश्तों की बस्ती से आये हुये हैं !
पास में बैठिये, धक-धक सा दिल ये हिलता है।
आप से ही, मेरे होने का पता मिलता है। ….
थी चरागों में कमीं या था अंधेरे का कहर
कहीं तेरे पायल पे फिसले, कहीं था पैरों का कहर!
ये इश्क़ पनपता है अक्सर, कुछ सन्नाटों सी हलचल में।
जब चेहरा भूल न पायें हम, आँखों से यौवन के पल में।…(Aazad)
कहीं दक्कन पठारों से भी कुछ बलखा के आती हैं !
अरावली की पहाड़ी से भी कुछ टकरा के आती हैं !
कोई कह दे पहाड़ों से, समंदर मैं हूँ अपराजेय,
हमें पाने को सब नदियाँ उसे ठुकरा के आती हैं ! (✍🏻Aazad)
किसी की आँख का मजनूँ, कहीं ख्वाबों की लैला हूँ !
इलाहाबाद कहता है, मैं इक संगम का मेला हूँ !
यहाँ पर ज़िन्दगी अपनी तो बस ‘अंडमान’ जैसी है,
समूचा हिन्द मेरा है, मगर फिर भी अकेला हूँ !…✍🏻Aazad
न मुझमें थी बुराई बस, न मैं सुंदर पिटारा था
तू जितना झाँक पायी, मैं नज़र का वो इशारा था ! …✍🏻Aazad
Opening Ceremony with My Romantic poetic performance full of entertainment 😊
हम हैं वो सेब जो न्यूटन के कदमों में बरसता है !
जो ख्याति पा के भी, होठों को पाने को तरसता है